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चित्रकोट का मनोरम जलप्रपात देख प्रभावित हुए राष्ट्रपति

रायपुर. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज रात बस्तर जिले के चित्रकोट में वहां के विश्व प्रसिद्ध जलप्रपात को देखा। श्री कोविंद इन्द्रावती नदी के इस प्राकृतिक झरने के मनोरम दृश्य को देखकर काफी प्रभावित हुए। उनके साथ उनकी धर्मपत्नी श्रीमती सविता कोविंद ने भी जलप्रपात को देखा। राष्ट्रपति के स्वागत में बस्तर अंचल के लोकनर्तकों ने रंग-बिरंगे परम्परागत परिधानों में आंचलिक लोक-नृत्यों का प्रदर्शन किया। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने श्री कोविंद को चित्रकोट जलप्रपात की विशेषताओं के बारे में बताया और उन्हें बस्तर की आदिवासी लोक संस्कृति की भी जानकारी दी।राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविन्द ने आज यहां दन्तेवाड़ा जिले के ग्राम हीरानार में बिहान महिला स्वसहायता समूह की महिलाओं और आदिवासी किसानों से चर्चा करते हुए कहा कि पिछले 10-15 सालों में बस्तर के जन-जीवन में काफी महत्वपूर्ण बदलाव आया है। बुनियादी अधोसरंचना के साथ-साथ सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए भी राज्य सरकार द्वारा काफी काम किए गए हैं। राष्ट्रपति के रूप में एक वर्ष का कार्यकाल पूर्ण होने के अवसर पर बस्तर आकर और वनवासियों के बीच रहकर मुझे यहां बेहद प्रसन्नता हो रही है। श्री कोविन्द ने स्वसहायता समूह की महिलाओं के विशेष अनुरोध पर उनके इस्तेमाल के लिए एक एलईडी टी.व्ही प्रदान करने की घोषणा की। यह टी.व्ही यहां माता फूलसुन्दरी जैविक कृषि प्रक्षेत्र एवं कड़कनाथ हब हीरानार में स्थापित की जाएगी। राष्ट्रपति माता फुल सुन्दरी जैविक कृषक प्रक्षेत्र एवं कड़कनाथ हब हीरानार का अवलोकन करने के बाद यहां स्वसहायता समूह की महिलाओं से चर्चा कर रहे थे। राष्ट्रपति की धर्मपत्नी श्रीमती सविता कोविन्द, मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और आदिमजाति एवं अनुसूचित जाति विकास मंत्री श्री केदार कश्यप भी इस अवसर पर उपस्थित थे। इस अवसर पर बस्तर के आदिवासी किसान श्री बोसाराम अटामी ने परम्परागत पेयजल पात्र ‘तुम्बा’ और किसान श्री लुदरूराम नाग ने अपने खेत में जैविक पद्धति से उत्पादित चावल की थैली भेंट की। राष्ट्रपति ने आदिवासी किसानों से यह उपहार सहर्ष ग्रहण करते हुए दोनों किसानों के प्रति आभार प्रकट किया।
राष्ट्रपति श्री कोविन्द ने जैविक कृषि प्रक्षेत्र मंे महिला स्वसहायता समूह और ग्रामीण महिला किसानों से चर्चा करते हुए उनके जीवनयापन और काम-काज की जानकारी ली। महिलाओं ने राष्ट्रपति से चर्चा में बताया कि स्वसहायता समूह ने उन्हें विकास के मार्ग पर आगे बढ़ाया है। उन्होंने बताया कि कड़कनाथ मुर्गीपालन के साथ-साथ मिनी राईस मिल से भी उन्हें अच्छी आमदनी हो रही है। प्रत्येक दिन लगभग 5 सौ रूपए की शुद्ध आमदनी होती है। फूलसुन्दरी महिला समूह की सदस्य श्रीमती निर्मला कश्यप ने बताया कि साल भर पहले उनके पास आमदनी के नियमित साधन नहीं थे।उनका समय बिना कोई काम-काज के ऐसे ही व्यतीत हो जाता था। जीवन-यापन बड़ी कठिनाई से हो पाता था। लेकिन जिला प्रशासन और कृषि विज्ञान केन्द्र की सहायता से हमें जीने की नई राह मिल गई है। जीवन स्तर ऊंचा उठने के साथ-साथ बचत भी हो रही है और जीवन में खुशहाली आने लगी है।
राष्ट्रपति श्री कोविन्द ने महिलाओं से उनके पारिवारिक हालात और बाल-बच्चों के बारे मंे जानकारी ली। उन्होंने महिलाआंे को प्रेरित करते हुए कहा कि वे अपने बच्चों को पढ़ने के लिए नियमित रूप से स्कूल भेजें। शिक्षा से ही विकास के द्वार खुलते हैं। श्री कोविन्द ने बेहतर भविष्य के लिए छोटे परिवार रखने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि परिवार के सीमित रहने से बच्चों को और ज्यादा सुविधाएं दी जा सकती हैं। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने इस अवसर पर कहा कि हम छत्तीसगढ़ के लोगों के लिए खुशी की बात है कि राष्ट्रपति जी अपने कार्यकाल का एक साल पूर्ण होने के अवसर पर बस्तर की जनता से मुलाकात करने आए हैं। वे चाहते तो देश से बाहर विदेश भी जा सकते थे। लेकिन छत्तीसगढ़ और विशेषकर बस्तर की जनता के प्रति स्नेह ने उन्हें यहां खींच लाया। राष्ट्रपति ने जैविक कृषि प्रक्षेत्र का विस्तृत अवलोकन भी किया।

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