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धरने पर बैठे केजरीवाल से मिलने में नाकाम 4 मुख्यमंत्रियों की साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस, कहा- मोदी से करेंगे शिकायत

नई दिल्ली.आईएसएस अफसरों की हड़ताल खत्म कराने की मांग को लेकर उपराज्यपाल के सचिवालय में 6 दिन से धरने पर बैठे अरविंद केजरीवाल के समर्थन में शनिवार देर रात चार मुख्यमंत्रियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि दिल्ली सरकार की मांगें मानी जानी चाहिए। वहीं, बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन और कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने भी यही बात दोहराई। उन्होंने कहा कि एक चुनी हुई सरकार को काम करने देना चाहिए। पूर्ण राज्य के मुद्दे समेत दिल्ली में चल रहे गतिरोध की शिकायत हम रविवार को नीति आयोग की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से करेंगे। इससे पहले चारों मुख्यमंत्रियों ने उपराज्यपाल को पत्र लिखकर दिल्ली के मुद्दे पर प्रतिनिधित्व के लिए वक्त मांगा था। लेकिन कहा गया कि वे बाहर हैं। इसलिए नहीं मिल सकते।

– प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाता था कि उपराज्यपाल ने चारों मुख्यमंत्रियों को केजरीवाल से मिलने की इजाजत नहीं दी। केजरीवाल ने कहा कि उपराज्यपाल पीएमओ के आदेश पर चल रहे हैं। यही वजह कि वह इन चार मुख्यमंत्रियों को मुझसे मिलने नहीं दे रहे हैं। केंद्र सरकार इनका अपमान कर रही है। मनीष सिसोदिया ने कहा कि यह दिल्ली में अघोषित राष्ट्रपति शासन लगाने जैसा है।

केंद्र सरकार को दिल्ली का गतिरोध दूर करने के लिए पहल करनी चाहिए
– तेदेपा चीफ चंद्रबाबू नायडू ने कहा, ”हमने उपराज्यपाल को लेटर लिखकर वक्त मांगा था, पर कोई जवाब नहीं मिला। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। चारों मुख्यमंत्री केजरीवाल से मिलना चाहते हैं। विपक्षी पार्टियों की सरकारों के कामकाज में केंद्र को दखल नहीं देना चाहिए।”

– जेडीएस के कुमारस्वामी ने कहा, ”केंद्र सरकार को दिल्ली की समस्या हल करने के लिए फौरन कार्रवाई करनी चाहिए।”

– माकपा के पिनरई विजयन ने कहा, ”हम यहां दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल से मिलने आए हैं। लोकतंत्र में केंद्र सरकार राज्यों के अधिकारों पर लगाम लगा रही है। राज्य सरकार पर प्रतिबंध लगाना, दिल्ली ही नहीं देश के लिए खतरा है।”

– तृणमूल कांग्रेस चीफ ममता बनर्जी ने कहा, ”लोकतंत्र में दलों के बीच मतभेद होते ही हैं। पर दिल्ली का काम पिछले 4 महीने से बंद पड़ा है। अगर कोई मुख्यमंत्री उपराज्यपाल से मिलने का वक्त मांगे और वे 6 मिनट का समय भी न दें तो किसके पास जाएंगे। आज संवैधानिक संकट पैदा हो गया है। दिल्ली की जनता परेशान है। चुनाव के लिए जनता पर छोड़ दें कि वे किसी पार्टी को चुनते हैं। एक मुख्यमंत्री 6 दिन से धरने पर बैठा है, तो समझ सकते हैं कि देश का भविष्य क्या होगा।”

रविवार को प्रधानमंत्री आवास पर धरना देगी आप

– आप के राष्ट्रीय सचिव पंकज गुप्ता ने कहा, “दिल्ली की लोकतांत्रिक सरकार को काम नहीं करने दिया जा रहा। प्रधानमंत्री और एलजी साहब को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। कांग्रेस भाजपा की बी टीम बन गई। जनता कह रही है कि आप पार्टी की सरकार को काम करने दिया जाए। लेकिन कांग्रेस इस मुद्दे पर शांत है। हम अपनी आवाज मोदी जी तक पहुंचाने के लिए रविवार शाम 4 बजे मंडी हाउस मेट्रो स्टेशन से मार्च शुरू करेंगे।”

दिल्ली सरकार की राज्यपाल से तीन मांगें

पहली-दिल्ली सरकार में कार्यरत भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारियों की हड़ताल खत्म कराई जाए। दूसरी-काम रोकने वाले आईएएस अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। तीसरी-राशन की दरवाजे पर आपूर्ति की योजना को मंजूर किया जाए।

– केजरीवाल सरकार का आरोप है कि मुख्यमंत्री आवास पर चीफ सेक्रेटरी अंशु प्रकाश के साथ कथित मारपीट के विवाद को लेकर अफसर कैबिनेट की मीटिंग में शामिल नहीं होते हैं। वे हड़ताल पर हैं और सहयोग नहीं कर रहे हैं।

भाजपा विधायक भी भूख हड़ताल पर

– केजरीवाल और उनके मंत्रियों के धरने के विरोध में आप से निलंबित विधायक कपिल मिश्रा, भाजपा सांसद प्रदेश साहिब वर्मा और 2 विधायक भी मुख्यमंत्री कार्यालय में 4 दिन से हड़ताल पर बैठे हैं। इन्होंने शुक्रवार से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू की। उनकी मांग है कि जब तक केजरीवाल काम पर नहीं लौटते और दिल्ली की जनता की पानी की समस्या दूर नहीं करते तब तक अनशन जारी रहेगा।

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