बचना चाहते है कालसर्प दोष से तो पित्र पक्ष में जरुर करे ये महत्वपूर्ण उपाए !
दोस्तों आपका हमारे इस लेख में स्वागत है आज हम आपको इस लेख में एक ऐसा महत्वपूर्ण उपाय के बारे में बताने जा रहे अगर आप उस उपाय को करते है तो आप भी कलसर्प दोष से मुक्ति पा सकते है तो आइये दोस्तों प्रारम्भ करते है ! दोस्तों जैसा की आप सभी जानते है की हमारे जीवन में चाहे दुःख हो या सुख , हमारे जीवन में कोई भी बदलव हो ये सभी ग्रहों के कारण ही होता है ग्रहों का हमारे जीवन पर विशेष प्रभाव पड़ता है ! उन्ही ग्रहों में से एक ग्रह है राहू और केतु जिनको हम छाया ग्रह भी कहते है ! दोस्तों जब हमारे सभी ग्रहों के बीच जब राहू और केतु आ जाते है तो एक बहुत बड़ा दोष बनता है जिसे हम कालसर्प दोष कहते है ! इस दोष के होने की वजह से हम अपने जीवन में चाहे कितना भी संघर्ष कर ले परन्तु सफलता नही मिलती है ! जिससे हम निराश हो जाते है और अपनी किस्मत को कोसते है और हमें अपने जीवन में सभी प्रकार की परेशनी का सामना करना पड़ता है !
कालसर्प दोष से बचने के लिए जीवन में कुछ उपाए किये जाते है और अगर आप उन उपायों को पितृ पक्ष में करते है तो आपको बहुत अधिक लाभ मिल सकता है और आप शीघ्र ही निजात पा सकते है तो आइये जानते है की वो कौन से महत्वपूर्ण उपाय है !
आप श्राद्ध पक्ष में किसी भी दिन नवनाग स्तोत्र का पाठ करे और अगर आप स्वयं नही कर सकते तो आप इसे किसी योग्य और जानकर ब्राह्मण से करवा सकते है !
अनंतं वासुकि शेषं पद्मनाभं च कंबलं ।
शंखपालं धृतराष्ट्रं तक्षकं कालियं तथा ।।
एतानि नव नामानि नागानां च महात्मनाम् ।
सायंकाले पठेन्नित्यं प्रात:काले विशेषत:।।
तस्य विषभयं नास्ति सर्वत्र विजयी भवेत् ।।
पाठ करने की विधि :-
सबसे पहले आप श्राद्ध पक्ष में किसी भी दिन सुबह उठकर स्नान आदि करने के बाद महत्वपूर्ण सामग्री :- सफ़ेद फूल, कच्चा दूध , सफ़ेद कपडा, सफ़ेद मिठाई, बताशे, चावल को किसी नदी या बहते हुए जल धारा में प्रवाहित करें ! उसके बाद शेषनाग जी से अपने कालसर्प दोस्त से मुक्ति की कामना करे या प्रार्थना करे ! अगर आप ये उपाय न कर सके तो आप श्राद्ध पक्ष में किसी भी दिन आप अपने पूजा स्थान पर कालसर्प यंत्र की स्थापना करें और प्रतिदिन विधि-विधान पूर्वक इसकी पूजा करें। इस उपाय से भी कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है। श्राद्ध पक्ष में किसी भी गरीब व्यक्ति को काला कंबल व काली उड़द की दाल का दान करें।
आप श्राद्ध पक्ष में किसी भी दिन शिव मंदिर में जाकर तांबे का नाग चढ़ाएं और इसके बाद वहां बैठकर महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें और शिवजी से कालसर्प दोष मुक्ति के लिए प्रार्थना करें।