भगवान राम की होती है इस दिन कृपा, मोहिनी एकादशी व्रत से मिलता है लाख गुना पुण्य
भगवान राम को खुश करने के लिए मोहिनी एकादशी को व्रत किया जाता है। शास्त्रों में लिखा हैं, कि इस दिन व्रत करने वाले को एक लाख गुना पुण्य प्राप्त होता है।
जानकार ज्योतिषियों के अनुसार जीवन में मोह किसी भी वस्तु का हो, वह इंसान के लिए कमजोरी का कारण बनता है। यही वहज है कि इस मोह से छुटकारा पाने के लिए मनुष्य श्री राम को प्रसन्न करने के लिए प्रयत्न करता है। इसके लिए मोहिनी एकादशी के दिन व्रत करना सबसे उत्तम माना गया है। इस दिन व्रत करने से बहुत सारे फल व वरदान पाए जा सकते हैं। आइए जानते हैं इस व्रत के फायदों के बारे में…
मोहिनी एकादशी की अलग है महिमा
मोहिनी एकादशी पर व्रत की महिमा अलग ही बताई जाती है। हिंदू धर्मशास्त्रों में शरीर और मन को संतुलित बनाने के लिए व्रत के नियमों का पालन किया जाता है। यह एकादशी महीने में दो बार आती है, शुक्ल एकादशी और कृष्ण एकादशी। वैशाख माह में एकादशी का वृत का बेहद महत्व होता है। व्रतों में सबसे ज्यादा महत्व एकादशी का माना जाता है वहीं एकादशी का उपवास से मोह के बंधन खत्म हो जाते हैं, यही वजह है कि इसे मोहिनी एकादशी कहा जाता है। कहा जाता है कि इस व्रत से कई प्रकार के गंभीर रोगों से भी रक्षा होती है, वहीं खूब यश प्राप्त होता है। भावनाओं और मोह के जाल से मुक्ति की इच्छा रखने वालों के लिए वैशाख की एकादशी खास दिन होता है। मोहिनी एकादशी पर भगवान विष्णु के राम स्वरूप की उपासना की जाती है।
मिलते हैं यह वरदान भी
इस व्रत से चिंताएं खत्म होती है, तो मोह-माया के जाल से भी इंसान बाहर निकलता है। ऐसा महसूस होता है कि ईश्वर की कृपा बरस रही हैं। पाप का प्रभाव खत्म होता है तो मन शुद्धी भी हो जाती है। वहीं दुर्घटनाओं में सुरक्षा मिलती है। इस व्रत से गौदान का पुण्य भी प्राप्त होता है।
ऐसे करें मोहिनी एकादशी की खास पूजा
मोहिनी एकादशी की पूजा करने से पहले तन शुद्धि तो करें ही, मन शुद्धि भी बेहद जरूरी है। ईश्वर में मन लगाए, गुस्सा करने और झूठ बोलने से बचें। निर्धन को भोजन कराएं, अन्न दान करें। इस दिन सुबह उठकर स्नान करने के बाद सूर्य को अघ्र्य दें और भगवान श्री राम की आराधना करें। भगवान राम को पील फूल, फल, पंचामृत और तुलसी चढ़ाएं। इस दिन सिर्फ पानी या फलाहार का सेवन करें, व्रत का उत्तम फल प्राप्त होगा।