UP के मु’सलमानों ने इन पार्टियों को किया पसंद, बस इस सीट पर भाजपा को मिले कुछ..
लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद चर्चाएँ इसी बात के इर्द-गिर्द हो रही हैं कि किस समाज के लोगों ने किस पार्टी को वोट दिया. सबसे अध्हिक चर्चा उत्तर प्रदेश की हो रही है. उत्तर प्रदेश में भाजपा को सबसे अधिक सीटें मिलीं जबकि दूसरे स्थान पर बसपा और तीसरे पर सपा रही. सपा-बसपा-रालोद ने मिलकर चुनाव लड़ा था. इन चुनावों में भाजपा को शानदार जीत मिली.
इसके बाद चर्चाएँ इस बात की होने लगीं कि क्या सपा-बसपा के ट्रेडिशनल वोट ने भी भाजपा के पक्ष में वोट डाल दिया है. चर्चा मुस्लि’म वोटर्स की भी है कि उन्होंने किस पार्टी को वोट दिया. उत्तर प्रदेश्ह को लेकर जो आँकड़े सामने आ रहे हैं उसका अध्ययन अगर किया जाए तो मालूम हो जाएगा कि मु’स्लिम समाज के अधिकतर वोट सपा-बसपा को ही मिले हैं.
कई समाचार पत्रों में इस बारे में रिपोर्ट्स आयी हैं और कई लोगों ने जो जानकारी अपने सूत्रों के आधार पर दी है उससे ये बात साफ़ है कि मुस्लि’म समुदाय के अधिकतर महागठबंधन को ही मिले हैं. कुछ लोग ये दावा ज़रूर कार रहे हैं कि मु’स्लिम महिलाओं ने बड़े तौर पर भाजपा के पक्ष में वोटिंग की क्यूंकि भाजपा ट्रिपल तलाक़ के ख़िलाफ़ बिल लायी है.
एक रिपोर्ट के मुताबिक़ मुस्लि’म समाज के 80-85% से अधिक वोट सपा-बसपा-रालोद के महागठबंधन को मिले हैं जबकि कुछ जगहों पर मु’स्लिम समाज ने कांग्रेस को भी वोट दिया है. माना जा रहा है कि क़रीब 10% तक मुस्लि’म समाज का वोट कांग्रेस को भी मिला है. 5-7% के क़रीबवोट भाजपा को भी मिलने की बात देखने को मिली है. भाजपा को मु’स्लिम समाज का जो वोट मिला है उसका अधिकतम हिस्सा लखनऊ से है जहां राजनाथ सिंह की अच्छी साख है.
लखनऊ सीट पर भी भाजपा को कोई बहुत वोट मु’स्लिम समुदाय का नहीं मिला है लेकिन बाक़ी जगहों की तुलना में यहाँ कुछ बेहतर स्थिति रही. भाजपा के नेता भी इस बात को मानते हैं. भाजपा के नेता दावा कर रहे हैं कि आने वाले दिनों में मुस्लि’म समाज उनकी पार्टी से जुड़ेगा और धीरे धीरे ये प्रतिशत बढेगा.