ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक हर ग्रह इंसान को प्रभावित करता है। ग्रह के उच्च में आने या निम्न में आने से इंसान की स्थिति में बदलाव आते हैं। कुंडली में ग्रह की दशा में बदलाव के कारण इंसान के जीवन में इसका असर पड़ता है। इससे इंसान के जीवन में अच्छा या बुरा समय आता है। आज हम बुरे समय को दूर करने के उपाय बताएंगे-
यदि आपकी कुंडली में सूर्य की दशा ठीक नहीं है तो रात को सोते समय पलंग के नीचे तांबे के बर्तन में पानी रखे या तकिए के नीचे लाल चंदन रखें। ऐसा करने से आपकी कुंडली से सूर्य दोष खत्म हो सकते हैं और जीवन में बदलाव आ सकता है। अगर आपकी कुंडली में चंद्रमा की ठीक स्थिति में नहीं है तो इसके लिए आपको अपने पलंग के नीचे चांदी के बर्तन में पानी रखना चाहिए या तकिए के नीचे चांदी के आभूषण रखें। मंगल ग्रह को दूर करने के लिए पलंग के नीचे पीतल के बर्तन में पानी रखें या सोने-चांदी से बने आभूषण अपने तकिए के नीचें रखें। ऐसा करने से मंगल दोष जल्दी खत्म हो सकते हैं। यदि आपकी कुंडली में बुध ग्रह के दोष हैं तो इसके उपाय के लिए अपने तकिए के नीचे सोने के आभूषण रखें। गुरु दोष से बचने के लिए हल्दी की कुछ गांठ पीले कपड़े में बांधकर तकिए के नीचे रखें। इससे गुरु दोष खत्म हो सकते हैं। शत्रुभय शांत करने के लिए चांदी की मछली बनाकर तकिए के नीचे रखें। इसके अलावा पलंग के नीचे चांदी के बर्तन में पानी रखें। शनि दोष को शांत करने के लिए लोहे के बर्तन में पलंग के नीचे पानी रखें या तकिए के नीचे नीलम रत्न रखें।
रोज रात को करो बस ये 1 काम, धन की कभी कमी नहीं होगी….
आचार्य चाणक्य एक प्रकांड पंडित और श्रे’ष्ठ विद्वा’न थे। ये राजनीति और कूट’नीति में कुशल थे। अपनी बुद्धिमत्ता और नीतियों को ब’ल पर ही इन्होंने अपने श’त्रु घनानंद का वि’नाश कर चंद्रगुप्त मौर्य को सम्राट बनाया। ये अर्थशास्त्र के मर्म’ज्ञ थे। इसके साथ ही इन्हें विभिन्न विषयों का गहन ज्ञान था। इसी का’रण ये कौटिल्य के नाम से भी विख्या’त थे। इन्हें चाणक्य नाम अपने गुरु चणक से प्राप्त हुआ था। इन्होंने अपने जीवन में हर परिस्थिति का सा’मना किया था इसलिए किताबी विषयों का ज्ञान होने के साथ ही व्यवहारिक जीवन का भी बहुत अनुभव था। अपने अनुभव, ज्ञान और गहन अध्ययन को मानव कल्या’ण के लिए इन्होंने ग्रंथों के रुप में पिरो’या है। आचार्य चाणक्य के द्वारा लिखित नीतिशास्त्र में जीवन से जुड़े वि’भिन्न पह’लुओं धन, समाज, रिश्ते, निजी जीवन, कार्य’क्षेत्र आदि के सं’बंध में महत्वपू’र्ण बातें बताई गई हैं।
धन का का अ’पव्यय करने वाले
धन को स’दैव सही कार्यों परिवार के पालन-पो’षण और कुछ धन दान-क’र्म में लगाना चाहिए बाकी का धन निवेश करना चाहिए ताकि उसमें बढ़ो’त्तरी की जा सके। जो लोग धन आने पर उसका अ’पव्यय करते हैं। जरुरत न होने पर भी पैसों को ख’र्च करते हैं वे लोग सदैव धन के मा’मले में परेशा’नियों का सामना करते हैं। ऐसे लोगों के पास कभी धन नहीं रहता है। धन का अ’पव्यय करने के कारण व्यक्ति द’रिद्र हो जाता है।
धन का गलत प्रयोग करना
धन को सदै’व अपने परिवार के पोषण और दूसरों के हित के लिए प्रयो’ग में लाना चाहिए। जो लोग गल’त कार्यों में धन का प्रयोग करते हैं या फिर दूसरों का अहित करने के लिए धन का प्रयोग करते हैं ऐसे लोगों से मां लक्ष्मी रुष्ट हो जाती हैं और व्यक्ति को दरि’द्रता का साम’ना करना पड़ता है।
धन की बचत न करने वाले
कुछ लोगो की आ’दत होती है कि वे जितना धन कमाते हैं उतना सभी धन ख’र्च कर देते हैं। आचार्य चाणक्य कहते हैं कि धन को कमाना जितना कठि’न होता है उससे भी ज्यादा कठिन होता है उसे सही प्रकार से ख’र्च करना। व्यक्ति को अपने भविष्य और बुरे समय के लिए धन बचाकर रखना चाहिए। जो लोग धन आने पर उसका सही प्रकार से योजना बनाकर व्य’य नहीं करते हैं और बिना सोचे समझे ख’र्च करते चले जाते हैं।