बेटी को पराया धन मानने की पुरानी संकीर्ण सोच को दरकिनार करते हुए मेरठ में एक परिवार ने अनूठी व प्रगतिशील मिसाल पेश की. वहां अपने पिता की तेरहवीं पर 3 छोटे भाइयों ने अपनी बड़ी बहन उर्वशी चौधरी को पगड़ी बांधकर घर की मुखिया बनाया. इस परिवार में शुरू से ही बेटे और बेटी के बीच फर्क नहीं किया गया. उर्वशी चौधरी जानी-मानी वकील और समाज सेविका हैं. उनके पिता हरेंद्र सिंह ने हमेशा बेटियों की पढ़ाई पर जोर दिया.
उन्होंने ऐसे संस्कार डाले कि बेटियां किसी भी मामले में बेटे से कम योग्य नहीं हैं. उर्वशी के तीनों छोटे भाई शिक्षक हैं. परिवार ने इस मान्यता को पीछे छोड़ दिया कि विवाह के बाद बेटी का कुल और गोत्र अलग हो जाता है. उर्वशी को पिता की जगह परिवार का मुखिया बनाने के फैसले में उसके पति और ससुराल वालों ने भी पूरा साथ दिया. आपको बता दें यह मामला मेरठ का है जहां पर पिता के श्राद्ध के दौरान तीन भाइयों ने मिलकर अपनी बड़ी बहन को घर का मुखिया बनाया।
बहन के सिर पर पगड़ी बांधकर पगड़ी रस्म को भी निभाया है और वही इस कार्यक्रम के दौरान वहां मौजूद सभी लोगों ने इन तीनों भाइयों के द्वारा उठाए गए इस कदम की जमकर तारीफ किये है और वही सोशल मीडिया पर भी यह मामला काफी ज्यादा चर्चाओं का विषय बना हुआ है|
आपको बता दे मेरठ की जिस बहन को घर का मुखिया बनाकर उसके सिर पर पगड़ी बांधी गई है उनका नाम है उर्वशी चौधरी जोकि मेरठ शहर की एक जानी-मानी समाजसेविका है इसके साथ ही उर्वशी चौधरी पेशे से एक एडवोकेट भी है| बता दे उर्वशी की शादी मेरठ के ही प्रॉपर्टी डीलर अजय चौधरी के साथ तय हो गयी थी और उस दौरान उर्वशी चौधरी 12वीं क्लास में पढ़ती थी लेकिन शादी के बाद उर्वशी के पति अजय चौधरी ने उनका पूरा सपोर्ट किया और उन्हें अपनी पढ़ाई जारी रखने में पूरी सहायता की और इस तरह से उर्वशी चौधरी ससुराल में रहकर अपनी हायर स्टडीज कंपलीट की और आज उर्वशी चौधरी एक सफल एडवोकेट बन चुकी है|
वही उर्वशी चौधरी के तीन छोटे भाई और एक छोटी बहन भी हैं जिनका नाम विवेक, वरुण , विकास और ऐश्वर्या है और मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उर्वशी चौधरी की सबसे छोटी बहन ऐश्वर्या एक स्कूल में प्रिंसिपल के पद पर कार्यरत हैं और इनके 3 छोटे भाई भी पेशे से शिक्षक है|
वही मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उर्वशी के पिता हरेंद्र सिंह लंबे समय से बीमार चल रहे थे जिसके चलते बीते 7 सितंबर 2021 को उर्वशी के पिता हरेंद्र सिंह इस दुनिया को अलविदा कह गए और आपको बता दें हरेंद्र सिंह एक प्राइवेट स्कूल में टीचर थे और इसके अलावा वह खेतों में किसानी का भी काम किया करते थे| वही उर्वशी चौधरी अपने पांचों भाई बहनों में सबसे बड़ी है और वो अपने पिता के बेहद करीब थी |वही उनके पिता हरेंद्र सिंह भी हर काम अपनी बड़ी बेटी से सलाह मशवरा लेकर ही किया करते थे |