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वास्तु के अनुसार घर की इस दिशा में होता है कुबेर का वास, साफ-सफाई रखने से होता है धन लाभ

दोस्तों आपका हमारे इस लेख में स्वागत है आज हम आपको इस लेख में उस दिशा के बारे में बताने वाले है जिसमे कुबेर जी का वास होता है तो आइये शुरू करते है की वास्तु के अनुसार घर की किस दिशा में होता है कुबेर का वास ,साफ-सफाई रखने से होता है धन लाभ !वास्तुशास्त्र का घरों में बहुत महत्व होता है। आजकल लगभग हर मकान का निर्माण वास्तुशास्त्र को अनुसार ही होता है और इसके अनुसार हर दिशा का अपना अलग महत्व होता है। लेकिन सिर्फ सहि दिशा में घर को कमरों का होना काफि नहीं होता। हमें इनके बारे में थोड़ी जानकारी रखना भी बहुत आवश्यक होती है। जैसे किस दिशा में कौन से भगवान का वास होता है,

क्योंकि यदि हमें इस दिशाओं से जुड़े वास्तु या उनमें रखे हुए सामान के बारे में जनकारी नहीं होगी तो शायद हम वास्तुशास्त्र के अनुसार घर में भी नुकसान का सामना कर सकते हैं। घर में रखा सामान हमारे जीवन पर बहुत असर डालता है, सकारात्मक भी तो नकारात्मक भी। ऐसे ही आज हम आपको वास्तु के अनुसार पैसा और संपत्ति बढ़ाने के कुछ विशेष जानकारी बताने जा रहे हैं।

वास्तु के अनुसार उत्तर दिशा में लक्ष्मी और कुबेर का वास होता है। इस दिशा को हमेशा साफ रखना चाहिए, इससे धन लाभ होता है। इस दिशा का सही निर्माण परिवार में समृद्धि और खुशियों को लेकर आता है। वहीं घर के पूर्व-उत्तर कोने में अन्य देवी-देवताओं की शक्ति होती है। इसे ईशान कोण भी कहा जाता है। घर का ये हिस्सा सकारात्मक उर्जाओं से भरा होता है। इन दो दिशाओं में अगर कोई दोष न हो तो घर में पैसा आता है और वहां रहने वालों को संपत्ति लाभ भी होता है।

धन-संपत्ति बढ़ान के 10 आवश्यक वास्तु टिप्स

घर की उत्तर दिशा की दिवारों का रंग नीला होना चाहिए। उत्तर दिशा में तांबे से भरा कलश रख कर उस पर पानी वाला नारियल रखें। इससे सकारात्मकता का संचार होगा। पानी की टंकी हमेशा उत्तर दिशा में होना चाहिए और पानी की टंकी में शंख, चांदी का सिक्का या चांदी का कछुआ रखें। उत्तर दिश को कुबेर की दिशा कहा जाता है इसलिए तिजोरी हमेशा उत्तर दिशा में ही होना चाहिए। इसी दिशा में कछुए की तस्वीर या मूर्ति रखने से आर्थिक हानि से बचाव रहता है और धन आगमन के स्त्रोत भी बनते हैं। हर दिन कुबेर दिशा यानी उत्तर दिशा में पानी वाला नारियल रख कर उस पर हल्दी कुमकुम लगाएं। पुराने नारियल को बहते पानी में बहा दें।

उत्तर दिशा में कांच का बड़ा बाउल रखें और उसमें चांदी के सिक्के डाल दें। पूर्व-उत्तर कोने में गणेश और लक्ष्मीजी की मूर्ति रखकर पूजा करें। घर-दुकान की उत्तर दिशा में तीन सिक्के लाल रंग के कपड़े में बांधकर छुपा कर रख दें। ध्यान रखें इन पर किसी की दृष्टि नहीं पड़नी चाहिए। उत्तर दिशा में आंवले का पेड़ या तुलसी का पौधा लगाएं।

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