अस्सलाम वालेकुम मेरे प्यारे भाइयों और बहनों अक्सर जब घरों में जूते या चप्पल उल्टे होते हैं तो लोग कहते हैं कि उन्हें जल्दी से सीधा कर दो ।आज हम आपको बताएंगे कि आखिर लोग ऐसा क्यों कहते हैं। मेरे भाइयों अक्सर जब जूते या चप्पल उल्टे हो जाते हैं टो कहा जाता है कि चप्पल या जूते को सीधा कर दो इसी तरह जब कभी चप्पल पर चप्पल चढ़ जाती है तो कहा जाता है कि उसे अलग कर दो। एक शख्स ने यह सवाल पूछा है कि अगर उल्टी चप्पल को सीधा ना किया जाए तो क्या हम गुनाहगार होंगे?
एक शख्स ने यह भी सवाल पूछा है कि अगर उर्दू का कागज जमीन पर पड़ा हो और उसे ना उठाएं तो क्या हम गुनाहगार होंगे? मेरे भाइयों जहां तक चप्पल का सवाल है तो यह रवायत में मौजूद है कि उल्टी चप्पल या जूता शैतान का तख्त होता है। जैसे ही कोई जूता या चप्पल उलट जाता है शैतान उस पर बैठ जाता है। लिहाजा यह कहा जाता है कि जितना जल्दी हो सके उसे सीधा कर दो मगर इसमें कोई गुनाह नहीं है ।अगर आप सोचते हैं कि आपने चप्पल सीधी नहीं की तो आप पर गुनाह आजाब होगा तो यह गलत है.
एक बात और है जिसे आप अपने ज़हन में रखें कि हर वह काम जिसे उलेमाओ ने करने के लिए कहा है या किसी हदीस में है उसे करना चाहिए लेकिन उसके न करने से अगर गुनाह न हो तो फ़क़द इतना पुछ लेने से कि ऐसा न करना गुनाह तो नहीं है आप इससे दामन नहीं छुड़ा सकते हैं आपको हर अमल करना चाहिए जो सही है। हमारा ये फ़र्ज़ है हर उस काम को सही करना या करवाना जो गलत है भले ही गुनाह नहीं है। बहुत सारे लोग ऐसे होते हैं जो सवाल करते हैं कि क्या ऐसा करना कुरान में लिखा है?
क्या कोई हदीस है जो इस बात को बताती है ?तो ज़रूरी नहीं है कि हम सिर्फ वही करे जो क़ुरान में लिखा है जिन चीजों के बारे में क़ुरान में नहीं भी लिखा है अगर वह आपको लगता है कि सही है तो उसे करना हमारा अदब है।क्योंकि अगर हम सिर्फ क़ुरान और हदीस की बात करेंगे तो वो हम पर फ़र्ज़ हो जायेगा और उसे मजबूरी में ही सही हमारे बाप दादाओ को भी करना पड़ेगा.
अब अगर आप नियाज़ के ताल्लुक से सवाल करे कि क्या चालिसवां कर सकते हैं ?तो लोग पूछते हैं कि क्या चालीसवाँ का जिक्र क़ुरान में है? तो ऐसे लोगों से पूछो कि अगर हर चीज़ क़ुरान में लफ्ज़ के साथ लिखी हुई होगी तो क्या वो सिर्फ मुस्तहब बचेगी? हम तो कहते हैं कि अगर वो काम करे तो ठीक है और अगर न करे तो भी ठीक है फिर भी उस काम को कर लेना ज़्यादा बेहतर है.
ठीक इसी तरह उल्टी चप्पल को छोड़ देना यह सोच कर कि यह कोई गुनाह नहीं है यह सारी बातें बदनसीबी और बे अदब होने की बातें हैं। क्योंकि जब आप सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम ने फरमा दिया कि चप्पल का उल्टा रहना शैतान का तख्त है तो इस तरह से देखा जाए यह हमारे लिए हुक्म हो गया कि इसे सही कर लें.
हमें इस तरह का बहाना नहीं बनाना चाहिए कि यह काम तो गुनाह नहीं है तो इसे क्यों करें. चप्पल पे चप्पल अगर चढ़ जाय तो इसका मसला हमे कहीं नहीं मिला है इसलिए इस बारे में आपको कोई तसव्वुर नहीं रखना चाहिए कि ऐसा होने से कोई अपशगुन हो जायेगा.