रायपुर।छत्तीसगढ़ बोर्ड का 10वीं और 12वीं का रिजल्ट घोषित हो गया है। स्कूल शिक्षा मंत्री केदार कश्यप ने छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में परिणाम जारी कर दिया। 10वीं में 3 लाख 97 हजार और 12वीं में 2 लाख 73 हजार परीक्षार्थियों का रिजल्ट घोषित हुआ है। इस बार 10वीं और 12वीं में लड़कियों का दबदबा रहा। दोनों ही रिजल्ट में लड़कियों का प्रतिशत लड़कों से ज्यादा रहा।
ये है रिजल्ट
12वीं का रिजल्ट 77.00 प्रतिशत रहा। इसमें 79.00 प्रतिशत लड़कियों और 74 प्रतिशत लड़कों को सफलता मिली। 10वीं का रिजल्ट 68.04 रहा। इसमें 69.40 प्रतिशत लड़कियों और 66.00 प्रतिशत लड़कों को सफलता मिली। देखा जाए तो 10वीं और 12वीं में लड़कियों का दबदबा रहा।
पहली बार दोनों रिजल्ट एक साथ हुए घोषित
– ऐसा पहला मौका है जब 10वीं और 12वीं का रिजल्ट एक साथ घोषित हुआ है। इस बार लोगों को 10वीं के रिजल्ट का बेसब्री से इंतजार था। चूंकि इस बार 10वीं का पूरा सेलेबस ही बदल दिया गया था। माना जा रहा है कि ये सेलेबस पिछले के मुकाबले काफी टफ है, लेकिन रिजल्ट को देखने के बाद लोगों का ये भ्रम दूर हो गया। इस बार चुनाव को देखते हुए रिजल्ट की घोषणा जल्द ही की गई है। इसके लिए पिछले कई दिनों से कॉपियों की चेंकिंग युद्ध स्तर पर चल रही थी। इस बार पूरे प्रदेश से नकल के 40 मामले सामने आए थे। इसमें 10वीं में 28 और 12वीं में 12 नकल के प्रकरण दर्ज किए गए थे।
– वर्ष 2017 में 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं फरवरी में ही शुरू हो गई थी। इस बार स्टूडेंट्स को पढ़ने का और मौका दिया गया और परीक्षाएं मार्च में शुरू की गईं। गत वर्ष 12वीं की परीक्षा 14 फरवरी से शुरू होकर 9 मार्च को खत्म हुई थी। वहीं इस बार परीक्षा 7 मार्च शुरू होकर 2 अप्रैल तक चली। गत वर्ष 10वीं की परीक्षा 10 फरवरी से शुरू होकर 2 मार्च तक चली थी। इस बार 5 मार्च से शुरू होकर 28 मार्च को खत्म हुई। वर्ष 2017 में 10वीं का रिजल्ट 21 अप्रैल को और 12वीं का रिजल्ट 27 अप्रैल को घोषित हुआ था। वहीं इस बार एक साथ दोनों रिजल्ट 9 मई को घोषित कर दिए गए।
गत वर्ष के मुकाबले 10वीं 12वीं का रिजल्ट अच्छा
– पिछले साल 10वीं का रिजल्ट 61.04 था तो इस वर्ष के मुकाबले 7 प्रतिशत कम रहा। वहीं 12वीं में गत वर्ष उत्तीर्ण छात्र-छात्राओं का प्रतिशत 76.36 था जो इस वर्ष के मुकाबले मामूली सुधार के साथ 77 प्रतिशत रहा। गत वर्ष भी 10वीं और 12वीं में बालिकाओं ने ही बाजी मारी थी। वर्ष 2017 में 10वीं में बालिकाओं का प्रतिशत 62.06 और बालकों का प्रतिशत 59.86 था। 12वीं में बालिकाओं का प्रतिशत 79.05 और बालकों का 73.70 था।
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