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गीदम के मवेशियों को मिला नया ठौर : गोठान बनने से ग्रामीणों में मवेशियों की सुरक्षा की चिंता हुई कम

सुकमा जिले के रामपुरम ग्राम पंचायत के आश्रित गांव गीदम के ग्रामीण गांव में नया गोठान बनने से खुश नजर आने लगे हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग 30 के किनारे बसे इन ग्रामीणों के पशु अक्सर यहां से गुजरने वाली वाहनों से दुर्घटनाग्रस्त हो जाते थे, इसके साथ ही आसपास वन क्षेत्र होने के कारण छोटे मवेशियों को वन्य पशु अपना शिकार बना लेते थे, अब गांव में सुरक्षित गोठान बनने से पशुओं की सुरक्षा की चिंता से ग्रामीणों को काफी राहत मिली गई है। यहीं गोठान के पास रहने वाले किसान सब्जियों की फसल भी लेते हैं। उन्होंने बताया कि क्षेत्र के ग्रामीण सिर्फ धान कटाई तक ही मवेशियों की देखभाल करते हैं, उसके बाद उसे खुला छोड़ देते हैं। इससे क्षेत्र के किसान चाहकर भी गर्मियों में फसल लेने से कतराते हैं। वहीं इस वर्ष यहां गोठान बनने से किसानों में यह आशा जागी है कि अब उनके मवेशी अब खुले में नहीं घुमेंगे।
गोठान में आसपास के 80 से अधिक ग्रामीणों के मवेशी इकट्ठा होने से पशुओं का स्वास्थ्य परीक्षण, टीका और उपचार में पशुधन विकास विभाग के कर्मचारियों को भी सहुलियत हो गई है। यहां लगभग ढाई एकड़ क्षेत्र में बनाए गए इस गोठान के साथ ही यहां ढाई एकड़ क्षेत्र में चारागाह भी बनाया गया है। यहां नैपियर घास लगाया गया हैं। इसके साथ ही यहां वर्मी बेड और नाडेप टैंक भी बनाए गए हैं, जहां पशुओं के गोबर से अच्छी गुणवत्ता का खाद तैयार होगा। इससे सालाना लगभग 5 लाख रुपए तक की आय की संभावना है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने पिछले दिनों सुकमा प्रवास के दौरान इस गोठान के अवलोकन किया था। उन्होंने यहां मछलीपालन, मुर्गीपालन, बांस एवं अन्य वनोपज प्रसंस्करण जैसी विभिन्न रोजगारमूलक कार्य प्रारंभ करने के लिए ग्रामीणों को प्रेरित किया था। अब यहां ग्रामीणों में स्व रोजगार के प्रति उत्साह का संचार हुआ है।

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