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कैसे हुई थी भगवान श्री राम की मृत्यु ? जवाब सुनकर नही होगा यकीन ..

हिंदू धर्म में बताई गई भगवान श्री राम की

सभी कथाओं के बारे में आप सब लोग बेहतरीन रूप से जानते होंगे ऐसा कोई ही होगा जो भगवान श्री राम के चरित्र को ना जानता होगा। मर्यादा पुरुषोत्तम राम ने अपने जीवन में जैसे भी काम किए और जो भी किया उन सब के बारे में उनके भक्तों और अधिकतर लोगों को जानकारी प्राप्त है लेकिन क्या आप जानते हैं भगवान राम की मृत्यु कैसे हुई थी और क्यों हुई थी? आज हम आपके सामने इस रहस्य से भी पर्दा उठाने वाले हैं हम आपको बताएंगे कि भगवान राम की मृत्यु किस प्रकार हुई थी। तो चलिए जानते हैं भगवान श्री राम किस प्रकार मृत्यु लोग को जा पहुंचे

14 वर्ष के वनवास के दौरान जब सीता माता का हरण

रावण द्वारा कर लिया गया था तब भगवान श्री राम ने रावण का वध कर सीता माता को उसके चंगुल से छुड़ाया था। 14 वर्ष के वनवास को पूर्ण होते ही वे अयोध्या नगरी को लौट गए थे जहां बड़े धूमधाम के साथ उनका स्वागत सत्कार किया गया

अयोध्या पहुंचने के कुछ समय भगवान श्री राम ने

वहां के राजा बनकर राज किया लेकिन कुछ विवादों के चलते उन्होंने अपनी पत्नी माता सीता का त्याग कर दिया था। ऋषि वाल्मीकि ने उन्हें अपनी पुत्री बनाकर अपने साथ ही अपनी कुटिया में शरण दी उस समय उनके दो पुत्र भी हुए जिनका नाम लव-कुश पड़ा

यह सब कथा आप जानते ही होंगे कि भगवान श्रीराम को

जब पता चला कि सीता माता ऋषि वाल्मीकि के साथ उनके कुटिया में रहती हैं उसके बाद भगवान श्री राम को उनके दोनों पुत्रों को सौंपकर वह धरती माता की गोद में समा गई थी। उसके बाद ही भगवान श्रीराम ने एक विशाल भवन का निर्माण कराना आरंभ कराया।

उस समय वहां एक महान संत पधारे

जिन्होंने भगवान राम से अकेले मिलने की प्रार्थना की। भगवान श्रीराम ने वहां पर लक्ष्मण को पहरेदार बना कर खड़ा कर दिया और कहा कि अंदर आने वाले को मृत्युदंड दिया जाएगा। असल में वह संत भगवान विष्णु के दूत काल देव थे जो भगवान विष्णु को वापस विष्णु लोक ले कर जाने के लिए आए थे।

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