मंडप में दूल्हे को छोड़कर टीचर बनने चली गईं दुल्हन, फिर जो हुआ जानकर हैरान कर देगा
गोंडा. सरकारी नौकरी (Government Job) की चाहत में लोग क्या कुछ नहीं करते. दिन-रात मेहनत से पढ़ाई से लेकर परीक्षा और इंटरव्यू के लिए दर-दर की खाक छानते हैं. आखिरकार जब नौकरी मिलने की उम्मीद जगती है, तब वे हर जोखिम उठाने को तैयार रहते हैं. कुछ ऐसा ही नजारा यूपी के गोंडा (Gonda) में देखने को मिला, जब एक दुल्हन (Bride) शादी के मंडप (Marriage) में दूल्हे को छोड़कर नौकरी की काउंसलिंग के लिए निकल पड़ी. संयोग ऐसा रहा कि दुल्हन को वह नौकरी मिल भी गई. इसके बाद वह वापस लौटी तो सरकारी टीचर (School Teacher Job) बन चुकी है. घरवालों ने इसके बाद शादी का बाकी काम संपन्न कराया और दुल्हन की विदाई हो सकी. शादी के मंडप में सात फेरे लेने के बाद सरकारी स्कूल शिक्षक की काउंसलिंग में पहुंची दुल्हन. नौकरी पाने के बाद पूरी की गईं रस्में. बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) इंद्रजीत प्रजापति ने प्रज्ञा को दी शादी के तुरंत बाद ही नौकरी मिलने की दी बधाई.
आपने फिल्म शादी में जरूर आना जरूर देखी होगी। ऐसे में फिल्म शादी में जरूर आना की असली तस्वीर हाल ही में उत्तर प्रदेश के गोंडा में नजर आई। बात थोड़ी सी अलग थी दरअसल जहां फिल्म में दुल्हन शादी से पहले अपने इंटरव्यू काउंसलिंग के लिए भाग गई है, तो यहां दुल्हन मांग में सिंदूर पड़ने के बाद अपनी नौकरी की काउंसलिंग के लिए चली गई। हां यह खबर थोड़ी सी फिल्मी जरूर है पर असली हैं।
मामला उत्तर प्रदेश के गोंडा का है जहां मंडप में बैठी दुल्हन की मांग में जैसे ही दूल्हा सिंदूर दान की रस्म को पूरा करता है। दुल्हन उसी समय तुरंत दूल्हे को मंडप में छोड़कर वहां से चली जाती है। वह ऐसा करने का फैसला इसलिए करती है क्योंकि उसे नौकरी की काउंसलिंग के लिए उसी दिन जाना होता है। दरअसल यह उसकी सरकारी नौकरी की काउंसलिंग का मामला था।

ऐसे में वह कोई रिस्क नहीं लेना चाहती थी। यही कारण है कि वह शादी की सभी रस्में पूरी होते ही तुरंत वहां से अपनी नौकरी की काउंसलिंग के लिए चली गई। खुशी की बात यह रही कि जब वहां से काउंसलिंग के सभी काम कर वापस आई तो एक सरकारी टीचर के तौर पर उसकी बेहद खुशी के साथ विदाई हुई।
गोंडा के रामनगर में बाराबंकी में रहने वाली प्रज्ञा तिवारी हथेली में मेहंदी मांग में सिंदूर और हाथों में चूड़ी डालें अपने डॉक्यूमेंट को संभालती हुई अपनी नौकरी की काउंसलिंग का फॉर्म भर्ती हुई नजर आई। बालों में मोगरे के फूलों का गजरा भी लगा हुआ था। ऐसे में प्रज्ञा तिवारी सभी का ध्यान अपनी ओर खींच रही थी। वही आस-पास खड़े दूसरे लोगों ने जब उनसे उनके इस लुक को लेकर सवाल किया, तो प्रज्ञा ने बताया कि बुधवार को उनकी शादी हुई और गुरुवार को सुबह 5:00 बजे फेरे और सिंदूरदान की रस्म खत्म हुई। रस्म खत्म होते ही वह बीएसए ऑफिस के लिए निकल पड़ी क्योंकि वहां उनकी सरकारी नौकरी की काउंसलिंग होनी थी। उन्होंने बताया कि काउंसलिंग की डेट शेड्यूल थी इसलिए फेरे के बाद ही प्रज्ञा को बाकी की रस्मों को छोड़कर काउंसलिंग के लिए आना पड़ा।
प्रज्ञा ने बताया कि उनका कैरियर उनके लिए बेहद मायने रखता है। इसलिए अपने दूल्हे को अपने इंतजार में मंडप में छोड़कर अपनी काउंसलिंग के लिए आई हैं। वह सभी घर पर उनका इंतजार कर रहे हैं। उसके बाद जब प्रज्ञा अपनी काउंसलिंग पूरी कर घर पहुंची तो उनके चेहरे पर दोहरी खुशी झलक रही थी। प्रज्ञा ने घर जाते ही अपनी दोहरी खुशी बयां करते हुए अपने पति को बताया कि आप मेरे लकीचार्म है… मुझे फाइनली मेरी जिंदगी की सबसे अच्छी नौकरी मिल गई। इसके बाद प्रज्ञा तिवारी की विदाई हुई और वह बतौर सरकारी टीचर अपने ससुराल पहुंची।
इस दौरान प्रज्ञा तिवारी ने एक खास नोटिस भी उन सभी लड़कियों के माता-पिता के लिए दिया, जो लड़कियों की पढ़ाई को लेकर हमेशा सवाल खड़े करते हैं। उन्होंने कहा कि अपनी बेटियों को खूब पढ़ाएं, ताकि वह सेल्फ डिपेंडेंट हो सके। प्रज्ञा ने अपने इस मुकाम पर पहुंचने का सारा श्रेय अपने माता-पिता को दिया।