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हज की पहली क़िस्त जमा करने वाले इतने लोगों ने पैसे लिए वापिस, सऊदी सरकार भी ले सकती है बड़ा फ़ै’सला

रांची: ऐसे में जबकि पूरी दुनिया में कोरोना वायरस ने अपना क़हर ढाया हुआ है, बहुत से बड़े प्रोग्राम पोस्ट पोन कर दिए गए हैं. सिर्फ़ व्यापारिक या मनोरंजक ही नहीं, कई ऐसे प्रोग्राम भी जो कि धार्मिक महत्त्व के हैं, नहीं हो पा रहे हैं. मुसलमानों के लिए पाँच फ़राइज़ में से एक हज इस बार कैंसिल किया जा सकता है. इसका कारण कोरोना वायरस ही है. इस वायरस ने पूरी दुनिया में बड़े स्तर पर लोगों की जान ली है.

कोरोना संक्रम’ण के कारण सऊदी अरब सरकार ने अब तक मक्का मदीना में हर साल हज यात्रा पर आने वाले मुस्लिमों के मामले में कोई निर्णय नहीं लिया है. हालाँकि ऐसी उम्मीद की जा रही है कि इस वर्ष हज यात्रा नहीं होगी. झारखण्ड में लेकिन इस बात को समझते हुए 36 लोगों ने अपना आवेदन वापस ले लिया है। इन लोगों ने निर्णय लिया है कि वह इस साल होने वाली हज यात्रा पर नहीं जाएंगे। भले ही कोरोना के कारण हज यात्रा जारी रहे या टालना पड़े।

अप्रैल के अंतिम सप्ताह से देश-दुनिया से हज यात्रा पर आनेवाले लोगों के इंतजाम किये जाने के मामले में सऊदी सरकार अब तक आश्वस्त नहीं हो सकी है। यही कारण है कि उसकी ओर से भारत सरकार को भी कोई औपचारिक सूचना नहीं दी गयी है। ऐसे में केंद्रीय हज कमेटी ने जायरीनों की दूसरी किस्त की राशि जमा करने पर रोक लगा दी है।

सऊदी अरब सरकार की ओर से यात्रा से संबंधित कोई नया आदेश जारी होने पर ही हज समिति की ओर से दूसरी और तीसरी किस्त राशि ली जाएगी। इधर, झारखंड में हज यात्रा पर जाने की योजना बना चुके 36 लोगों ने निजी कारणों से यात्रा पर जाने का आवेदन वापस ले लिया है। आपको बता दें कि तीन क़िस्तों में ये पैसा लिया जाता है.

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