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मिलिए भगवान राम के वंशज से, इस शाही परिवार पर आई है 1 आफत

भगवान राम के बारे में हम सभी जानते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि उनके वंशज आज भी हैं। जयपुर का शाही परिवार भगवान राम के वंशज है। इसका दावा राजमाता पद्मिनीदेवी ने किया है। उन्होंने दावा किया है कि उनके पति भवानीसिंह भगवान राम के बेटे कुश के 309वें वंशज थे।
सवाई मान सिंह द्वितीय की तीसरी पत्नी गायत्री देवी के निधन के बाद संपत्ति को लेकर विवादों में यह राजघराना घिर चुका है। वहीं, दो साल पहले जयपुर डेवलप्मेंट अथॉरिटी ने होटल राजमहल पैलेस के गेट्स सील कर दिए थे जिसके विरोध में खुद राजमाता गायत्री देवी अपने नाती राजा पद्मनाभ सिंह के साथ सड़कों पर उतर आईं। दीया सिंह सवाई माधोपुर से बीजेपी विधायक हैं। उनके बेटे और जयपुर के राजा सवाई पद्मनाभ सिंह पोलो खिलाड़ी भी हैं। शाही परिवारों की पार्टीज में वे अक्सर देखे जा सकते हैं। दीया सिंह की एक बेटी गौरवी और छोटा बेटा लक्ष्यराज सिंह है। कई बॉलीवुड सेलिब्रिटीज इनसे मिलने राजमहल आ चुके हैं।

कौन थे महाराजा भवानी सिंह?

भारत की आजादी के बाद राजा-महाराजाओं की हुकूमत खत्म होने से पहले सवाई मान सिंह द्वितीय जयपुर राजघराने के आखिरी माहाराजा थे। उन्होंने तीन शादियां की थीं। पहली शादी मरुधर कंवर से, दूसरी शादी मरुधर कंवर की भतीजी किशोर कंवर से और तीसरी शादी गायत्री देवी से की थी। सवाई मान सिंह द्वितीय और उनकी पहली पत्नी मरुधर कंवर देवी साहिबा के बेटे भवानी सिंह को राजगद्दी सौंपी गई। उनकी शादी रानी पद्मिनी देवी से हुई। महाराजा भवानी सिंह और रानी पद्मिनी देवी की सिर्फ एक बेटी दीया सिंह हैं।

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विवादों से रहा है नाता

महाराजा भवानी सिंह और रानी पद्मिनी देवी की बेटी दीया सिंह की शादी ने नरेंद्र सिंह से शादी की। नरेंद्र सिंह राजघराने से नहीं हैं। वह जयपुर राजघराने के ही कर्मी रहे हैं। इस वजह से खानदान के लोगों ने एक आम शख्स से शादी का विरोध किया था। यही नहीं, कोई बेटा ना होने की वजह से महाराजा भवानी सिंह ने दीया सिंह के बेटे पद्मनाभ सिंह को अपना उत्तराधिकारी चुना था। इस बात को लेकर भी विरोध हुआ।

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