बौ’द्ध ध’र्म को अपनाने जा रही हैं मायावती, हि’न्दू रा’ष्ट्र वाले बयान पर मोहन भागवत को घेरा..
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए हर राजनीतिक दल जीतने की पूरी कोशिश में लगा हुआ है। इसी क’ड़ी में भोजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती महाराष्ट्र चुनाव प्रचार के लिए नागपुर में एक कार्यक्रम में शि’रक’त करने पहुंची थी। जहां पर उन्होंने एक ऐसा ऐ’ला’न कर डाला है। जिसे जानकर उनके प्रशंसक और आम जनता है’रा’न हो गई है।
मायावती ने कहा है कि वह बाबा साहब अंबेडकर की तरह मैं भी बौ’द्ध ध’र्म को अपनाने जा रही हूँ। बताया जा रहा है कि मायावती भी बौ’द्ध ध’र्म के अनुयाई बनने के लिए बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की तरह दी’क्षा लेंगे। लेकिन वह सही समय देखकर ही इसका फैस’ला लेंगी। आपको बता दें कि बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ने अपने ने देहां’त से पहले ही अपना ध’र्म बदल लिया था।
मायावती ने कहा कि आप लोग मेरे ध’र्म प’रिव’र्तन के बारे में भी सोचते होंगे मैं भी बौ’द्ध ध’र्म के अनुयाई बनने के लिए दीक्षा जरूर लूंगी लेकिन यह तभी हो पाएगा जब सही समय आएगा। मायावती ने नागपुर में कहा है कि ऐसा तब होगा जब पूरे देश में बड़ी संख्या में लोग ऐसा ध’र्मां’तर’ण करें। ध’र्मां’त’रण की यह प्रक्रिया भी तब ही संभव है। जब बाबा साहब के अनु’या’यी राजनीतिक जीवन में भी उनके बताए रास्ते का अ’नुस’रण करें।
आपको बता दें कि सं’विधा’न नि’र्मा’ता बाबा साहब भीमराव आंबेडकर ने 14 अप्रैल 1956 को नागपुर की ‘दी’क्षाभू’मि’ में बौ’द्ध ध’र्म की दीक्षा ली थी। भीमराव आंबेडकर को 1942 में भारत आकर बसे बौ’द्ध भि’क्षु प्रज्ञा’नंद ने सात भिक्षुओं के साथ बौ’द्ध ध’र्म की दीक्षा दी थी। दीक्षा लेने के कुछ महीनों बाद ही 6 दिसंबर 1956 को भीमराव आंबेडकर का नि’धन हो गया था।
मायावती का कहना है कि वह आ’रएस’एस प्रमुख मोहन भागवत के बयान से सहमत नहीं है। जिसमें ने कहा था कि जो भारत के हैं, जो भारतीय पूर्व’जों के वं’श’ज हैं, वे सभी भारतीय हिं’दू हैं। बसपा प्रमुख का कहना है कि भारत एक ध’र्मनि’रपे’क्ष देश है न कि हिं’दू रा’ष्ट्र है। क्योंकि बाबासाहेब अंबेडकर ने सिर्फ हिं’दु’ओं को ध्यान में रखकर सं’विधा’न नहीं तैयार किया था, सं’विधा’न में ध’र्मनि’रपेक्ष’ता के आधार पर सभी ध’र्म के लोगों का ख्याल रखा था।