अस्सलाम वालेकुम मेरे प्यारे भाइयों और बहनों उम्मीद करता हूं कि आप सब खैरियत से होंगे। मेरे भाइयों आज मैं आपको बताऊंगा ख्वाब के बारे में ।बहुत सारे लोग पूछते हैं कि अगर ख्वाब में मु-र्दे कुछ कहे तो क्या उनकी कही बात सच होती है या नहीं?तो आइए आज हम आपको आपके इस सवाल का जवाब देते हैं। मेरे भाइयों जब आपके ख्वाब में कोई मु-र्दा आए और आपसे कुछ कहें कि वह इस हालत में है तो यह बात सच होती है.
आइए मैं आपको बताता हूं हदीस की कुछ बातें और वाकये। हज्जाज बिन यूसुफ को उमर बिन अज़ीज़ ने ख्वाब में देखा जहन्नुम में, पेट फटा हुआ है और आते बाहर निकली हुई है और गधे की तरह वह चक्कर काट रहा है। उन्होंने पूछा कि क्या हाल है तो उसने कहा कि बस ईमान की आस पर बैठा हूं कि कभी तो अल्लाह जन्नत में डाल देगा। मेरे भाइयों अगर ईमान पर खात्मा होता है और आमाल का जखीरा नहीं है तो अल्लाह का कानून है जहन्नुम.
एक बात याद रखो कि मु-र्दा जो बात बताएं ख्वाब में ,वह सही होता है। मेरा एक दूर का भाई था, जैसे ज़मींदारों के बच्चे होते हैं सारी जिंदगी ग़फ़लत में गुज़ार दी फिर जवानी में म-र गया बस उसने वही नमाज पढ़ी जो मैं उसे मस्जिद में खींच कर ले गया या फिर ईद की नमाज ,इसके अलावा मुझे याद नहीं कि उसने नमाज पढ़ी या नहीं.
एक दिन मैंने ख्वाब में देखा उसे और फिर मैंने पूछा कि तुम्हारा क्या हाल है भाई,तो उसने जवाब दिया कि मैं आग के तंदूर में हूं अब क्योंकि वह मेरा भाई ही था इसलिए मुझे तो यह बहुत बुरा लगा फिर मैंने उसके लिए पढ़ना शुरू किया और मैंने उसके लिए हज का इंतजाम किया। जब मैं हज से वापस आया तो मुझे ख्वाब नहीं आया लेकिन मेरे एक और साथी को ख्वाब आया जिसमें उसने कहा कि तारिक मिया के कहो कि मुझे उनका तोहफा मिल गया और यह तोहफा वही था जो मैंने उसकी लिए हज करवाया.
तो मेरे भाइयों आप देखिए मेरे खुदा की रहमत कि आप अपने मरे हुए करीबियों के लिए ईसाले सवाब का काम करते रहिए और अल्लाह उसका सवाब उन्हें वहां देगा उस दुनिया। यह बात हमेशा याद रखें कि अगर आपके पास ईमान है और अमल नहीं है तो आप सीधे जन्नत में नहीं जाएंगे बल्कि जहन्नुम से होते हुए जन्नत में जाएंगे इसलिए मेरे भाईयों अल्लाह ने जो आपको ईमान की दौलत दी है आप उसे अपने अमाल से और भी बेहतर बनाइए क्योंकि मरने के बाद यह दुनिया काम नहीं आएगी यह तो गुनाहों का ढेर है मरने के बाद सिर्फ आपके आमाल ही काम आएंगे.
मेरे भाइयों यह दुनिया एक नाकामी का समंदर है और इंसानियत का सफ़ीना उसमें गर्क होता जा रहा है। जब इंसान मरने के बाद जहन्नुम में जाएगा अब उस वक्त फरिश्ते उस पर अज़ाब ढ़ाएंगे उस वक्त वह इंसान कहेगा कि ऐ फरिश्तो आजब कुछ कम कर दो तब वह जवाब देंगे कि क्या दुनिया में कोई तुम्हें समझाने नहीं आया था ।फिर इंसान कहेगा कि हां आया था लेकिन मैं दुनिया में ही फंसा रह गया उस वक़्त कुछ समझ नहीं आया तब फरिश्ते कहेंगे की तब यही सहते रहो ।फिर इंसान रब से कहेगा या अल्लाह मुझे माफ कर दे ,तब अल्लाह कहेगा कि नहीं यही जलील होकर पड़े रहो ।फिर इंसान कहेगा या अल्लाह अब मुझसे बर्दाश्त नहीं होता अब मुझे मौत दे दे। तब फरिश्ते फिर कहेंगे कि अब कुछ नहीं हो सकता अब तुम्हें यहीं रहना है.
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