राजनीति

बाल ठाकरे की बात को याद दिलाते हुए CM पोस्ट पर अड़ी शिवसेना, ‘भाजपा से इस शर्त पर ही..’

मुंबई: मुंबई में अगर आप शिवसेना और भाजपा के समर्थकों से अलग-अलग बात करें तो मालूम हो जाएगा कि शिवसेना समर्थक भाजपा को और भाजपा समर्थक शिवसेना को कितना कम पसंद करते हैं. राजनीतिक मजबूरी जैसी बात की वजह से ही दोनों दल गठबंधन में हैं, ऐसा मालूम होता है.शिवसेना एक समय राज्य में भाजपा से बड़ी पार्टी थी लेकिन पिछले कुछ सालों में इसने अपने सहयोगी को पछाड़ दिया.

हालत ये है कि मुख्यमंत्री पद के लिए शिवसेना को हर तरह का तिकड़म करना पड़ रहा है लेकिन कहीं न कहीं उसे भी यक़ीन है कि CM पद मिलना दूर की कौड़ी है. इस बार के विधानसभा चुनाव में भाजपा-शिवसेना गठबंधन ने पिछली बार की तुलना में ख़राब प्रदर्शन किया. भाजपा-शिवसेना दोनों की सीटें कम हुईं लेकिन भाजपा की ज़्यादा कम हुईं.

इतना ही नहीं जो कामयाबी गठबंधन को मिली है वो अर्बन इलाक़ों में है और ग्रामीण क्षेत्र में दोनों दल बहुत अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सके हैं. मुंबई में गठबंधन को मिली कामयाबी के बाद से ही शिवसेना ने कहना शुरू कर दिया है कि अगर वो आदित्य ठाकरे को बतौर CM पेश न करती तो गठबंधन बुरी तरह परास्त होता. सूत्रों के मुताबिक़ भाजपा किसी भी हालत में CM पोस्ट देने को तैयार नहीं है.

अब इस तरह की ख़बर है कि शिवसेना ने भाजपा को बाल ठाकरे की बात याद दिलाई है और गठबंधन धर्म निभाने को कहा है. दोनों दलों में गठबंधन की कड़ी ‘हिंदुत्व’ है. दोनों ही पार्टियाँ हिंदुत्व को अपनी राजनीतिक विचारधारा में लाती हैं. यही वजह है कि शिवसेना न तो कभी सेक्युलर दलों के साथ जा पायी और न ही शिवसेना को सेक्युलर दलों ने कभी कोई एंट्री पास दिया. ये बात ज़रूर है कि शिवसेना और एनसीपी बहुत से लोकल मुद्दों पर एक राय रखते हैं. हाल ही में जब ED ने एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार को नोटिस जारी किया तो शिवसेना ने पवार का खुल कर समर्थन किया.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button