जानिए ब्रह्मा, विष्णु और महेश के पिता कौन थे? कैसे बनी दुनिया ..
अक्सर इंसान के दिलों-दिमाग में एक प्रश्न
जरूर उठता होगा कि ब्रह्मा विष्णु और महेश के पिता कौन हैं? ये वो त्रिदेव हैं जिन्होंने इस सृष्टि का निर्माण किया है और संचालन करते हैं इनके बिना सृष्टि में एक पत्ता तक नहीं हिल सकता है। लेकिन इन तीनो के पिता कौन है इन तीनों की उत्पत्ति आखिर हुई कहां से है? इस प्रश्न का जवाब आज तक कोई नहीं बता पाया है लेकिन आज हम आपके लिए इस प्रश्न का जवाब लेकर आए हैं आप की सभी सुविधाओं को दूर कर देने वाला यह प्रश्न का जवाब आज हम आपको देंगे। आखिर सृष्टि के रचयिता के पिता कौन है इस बात का खुलासा आज हम अपनी इस पोस्ट में करेंगे…
हिंदू धर्म के वेदों में देखा जाए तो उसमें बताया गया है
कि जन्म लेने वाला कोई भी जीव भगवान नहीं हो सकता है तो ब्रह्मा विष्णु महेश भगवान कैसे हो सकते हैं यदि वे जन्मे है तो वह भगवान तो नहीं है। इस बात का यही जवाब है कि उन तीनों की उत्पत्ति हुई है ना की जन्म! बात उस समय की है जब पृथ्वी की उत्पत्ति भी नहीं हुई थी, ना ही जल, अग्नि, वायु, आकाश कुछ भी नहीं था। उस समय थे तो सिर्फ- तत्सत ब्रह्मा। जिन्हें श्रुति में सत के नाम से पुकारा गया सत का अर्थ होता है अविनाशी परमात्मा। जिसका कभी नाश न हो सके ऐसा परमात्मा।
कुछ समय बाद उनके अंदर इच्छा हुई कि वह
परब्रह्मा शिव है तब उन्होंने अपने अंग से निकलने वाली शक्ति जिन्हें शक्ति आदिशक्ति त्रिदेव जननी कहा गया। इस तरह से सर्वेश्वरी त्रिदेव जननी की उत्पत्ति हुई जिन्हें अंबिका के नाम से पुकारा गया। त्रिदेव जननी ने मां पार्वती मां लक्ष्मी और मां सरस्वती का अवतार लेकर ब्रह्मा विष्णु महेश के साथ विवाह किया।
कालरूपी ब्रह्मा के अवतार ‛सदाशिव’ ने
मां दुर्गा को अपनी अर्धांगिनी का स्थान दिया और उन्होंने एक शिवलोक नामक क्षेत्र का निर्माण किया जिसे बाद में काशी के नाम से जाना गया। जहां पर भगवान शिव आदि शक्ति मां दुर्गा और काली आदि रूप में विद्यमान है। वेदों द्वारा ऐसा बताया जाता है कि भगवान शिव में प्रलय काल में भी इस स्थान का त्याग नहीं किया था।