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5 लक्षणों से जानें कि आपके पितृ हैं आपसे नाराज, और ये काम जरुर करें वरना…

Pitru Paksha 2021: यह कैसे पता चले कि हमारे पूर्वज हमसे नाराज हैं? और उन्हें कैसे खुश किया जा सकता है जिससे उनका आशीर्वाद हमें मिल सके. Pitru Paksha 2021: खास करके पितृ पक्ष के दौरान हमारे मन में अपने पितरों या पूर्वजों के बारे में कुछ जानने की इच्छा पैदा हो जाती है कि- पितर कौन होते हैं? पितर हमसे नाराज या असंतुष्ट क्यों होते हैं? पितरों के नाराज होने से हमारे जीवन में क्या-क्या परेशानियां आती हैं? और नाराज हुए पितरों को कैसे खुश किया जा सकता है? आइए जानते हैं इन प्रश्नों के उत्तर के बारे में.

पितरों या पूर्वजों की नाराजगी का कारण है पितृ दोष: ऐसी मान्यता है कि मनुष्य की जन्म-पत्री में पितृ दोष, पूर्वजों की नाराजगी की वजह से भी होता है. पितरों की यह नाराजगी कई कारणों से हो सकती है. जैसे- परिवार के किसी सदस्य की अकाल मृत्यु होने पर उसके अंतिम संस्कार आदि में हुई किसी गलती से, श्राद्ध आदि कर्म न करने से और परिवार के किसी सदस्य के द्वारा की गयी गलती से हमारे पितर हमसे नाराज हो जाते हैं.

1. हर काम में रुकावट आना : ऐसी मान्यता है कि यदि आप जो भी कार्य कर रहे हैं, उसमें रुकावट आ रही है और कोई भी कार्य संपन्न नहीं होता है तो इसे पितरों के नाराज होने या पितृदोष का लक्षण माना जाता है।

2. गृहकलह रहना : घर में थोड़ी-बहुत खटपट तो चलती रहती है लेकिन यदि रोज ही गृहकलह हो रही है तो यह समझा जाता है कि पितृ आपसे नाराज हैं।

3. संतान में बाधा : ऐसी मान्यता है कि पितृ नाराज रहते हैं तो संतान पैदा होने में बाधा आती है। यदि संतान हुई है तो वह आपकी घोर विरोधी रहेगी। आप हमेशा उससे दु:खी रहेंगे।

4. विवाह बाधा : ऐसी मान्यता है कि पितरों के नाराज रहने के कारण घर की किसी संतान का विवाह नहीं होता है और यदि हो भी जाए तो वैवाहिक जीवन अस्थिर रहता है।

5. आकस्मिक नुकसान : ऐसी मान्यता है कि यदि पितृ नाराज हैं तो आप जीवन में किसी आकस्मिक नुकसान या दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं। आपका रुपया जेलखाने या दवाखाने में ही बर्बाद हो जाता है।
Pitru Paksha 2021 Remember These Things During Shraddha
अन्य लक्षण : इसके अलावा भी अन्य लक्षण बताए गए हैं, जैसे कि मांगलिक कार्यों में अचानक कोई बाधा उत्पन्न हो, संतान का पढ़ाई में दिल नहीं लगना, श्राद्ध पक्ष में ब्राह्मणों द्वारा भोजन नहीं खाया जाना, घर में बरकत नहीं रहना आदि।

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