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वेबसाइट का रजिस्ट्रेशन अब RNI से होगा, सरकार बना रही है बड़ा प्लान, फेक न्यूज वाले जाएंगे जेल!

दिल्ली: गूगल पर डोमेन लेकर फर्जी वेबसाइट चलाने वालों पर अब मोदी सरकार बड़ी कार्रवाई करने के मूड में है। दरअसल फेक न्यूज भारत ही नहीं दुनियाभर में एक बड़ा सिरदर्द बना हुआ है, इसे खत्म करने के लिए सरकार नया प्लान बना रही हैं। इसी के तहत केंद्र सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने कानून में संशोधन के लिए एक ड्राफ्ट तैयार किया है। अब अखबारों की तरह वेबसाइट का भी आरएनआई के माध्यम से रजिस्ट्रेशन कराना होगा, ऐसा नहीं कराने वालों ने अगर अपनी वेबसाइट पर फेक न्यूज यानी फर्जी खबरों का प्रकाशन किया तो उन्हें जेल भेजने में बहुत आसानी होगी।

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ऐसे व्यक्ति हैं, जिन्होंने सोशल मीडिया के दूरुपयोगों पर चिंता जताई थी, और उन्होंने फेक न्यूज का भी जिक्र किया था, आज यह देश ही नहीं दुनिया की समस्या बन गया है। इसलिए सरकार कानून को कड़ा करने की तैयारी कर रही है। केंद्र सरकार प्रकाशन उद्योग के पंजीकरण से संबंधित अंग्रेजों के जमाने में करीब डेढ़ सौ साल पहले बने कानून के स्थान पर नया कानून लाने की तैयारी कर रही है। इसके लिए केंद्र सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने रजिस्ट्रेशन ऑफ प्रेस एंड पीरियोडिकल्स बिल 2019 का ड्राफ्ट तैयार किया है। यह प्रेस एंड रजिस्ट्रेशन ऑफ बुक्स एक्ट 1867 का स्थान लेगा।

सोमवार को जारी बिल के ड्राप्ट पर लोगों से सुझाव मांगे गए हैं। बिल में प्रकाशन उद्योग के पंजीकरण के लिए नया प्रावधान किया गया है। नए विधेयक में वेबसाइट के लिए भी रजिस्ट्रार ऑफ न्यूज पेपर ऑप इंडिया में रजिस्ट्रेशन कराने का प्रावधान है। इससे सरकार डिजिटल मीडिया पर लगाम लगा सकेगी। नए कानून में प्रकाशकों के खिलाफ कड़े प्रावधानों और जिला मजिस्ट्रेट के सामने प्रकाशक-मुद्रक की घोषणा की अनिवार्यता को खत्म करने का प्रस्ताव है। इस नए विधेयक से केंद्र और राज्य सरकारें समाचार-पत्रों में सरकारी विज्ञापन जारी करने, समाचार-पत्रों की मान्यता और अन्य सुविधाओं के लिए नियम बना सकेगी।

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